शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

निंबू से बदलें भाग्य

जय माँ आदिशक्ति
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आज बताते हैं नीबू के कुछ चमत्कारी प्रयोग इसका तंत्र में प्रयोग विभिन्न प्रकार के समस्याओं में इस नीबू का उपयोग जिसे आप खुद करके लाभ ले सकते हैं।
सदियों से नीबू का प्रयोग कई कई तांत्रिक अभिकर्म टोने टोटको में होता आया है।
यह वानस्पतिक तंत्र के अंतर्गत भी आते हैं।
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1) यदि आप या आपके परिवार में कोई हमेशा अस्वस्थ रहते हो बीमार रहते हों उनको दवा भी नही लग रही तब आप को किसी भी मंगलवार को एक नीबू लेना है।

उसी दिन सन्ध्या गोधूलि बेला के वक्त आप उस नीबू को लेकर पश्चिम दिशा की तरफ मुँह करके खड़े हो जाएं और आपको तीन बार बोलना है।।ॐ ब्रम्ह ब्रम्ह मंडले नमो नमः।।

उसके बाद उस नीबू को अपने सर से या रोगी के सर से तीन बार घड़ी की सुई की उल्टी दिशा में तीन बार घुमाना है। 
नीबू को सर पर से घुमाने के बाद वही उसे जमीन पर रखकर एक ही बार मे काट लेना है एक ही बार मे नीबू दो टुकड़े हो जाने चाहिए।

फिर उस कटे नीबू के एक टुकड़े को अपने सामने की ओर और एक टुकड़े को अपने पीछे की ओर फेक देना है।
ऐसा लगातार तीन मंगलवार तक करना है फिर इसका रिजल्ट परिणाम आप खुद देखेंगे।

2) जिनके जिन मां बाप के बच्चे उनका कहना न मान रहे हो मनमानी करते फिरते हो तब आप जब भी बच्चे को खाना देते हों।
आप अपने बच्चे को जब थाली में खाना खाने को परोसते हो उस वक्त उनके थाली के नीचे नीबू के पांच बीज रख दें
यह प्रयोग आप किसी भी गुरुवार को करें।

और जब बच्चा खाना खा कर उठ जाए तब उस नीबू के बीज को वहां से उठा कर किसी केले के पेड़ नीचे दबा दें और दबा कर यह बोलना है।
हे गुरुदेव आप मेरे बच्चे के अंदर अच्छे अच्छे गुण भर दें उसके अंदर सदाचार और सद्भावना विकसित करें।

ऐसा आपको तीन गुरुवार लगातार करना है फिर आप देखेंगे इस प्रयोग का असर।।।।

3) यदि आपको कोई अनजाने भय सताते हो बुरे सपने यदि आपको अक्सर आते हो आपका मन अशांत रहता हो तब आप किसी पूर्णमासी के दिन रात दस बजे अपने बेडरूम में यह प्रयोग करें।

आप रात दस बजे एक हरा नीबू ले साथ ही पांच इलायची छोटी व पांच कपूर ले अब कपूर व इलायची को एक साफ सुथरी कटोरी में रसखकर जला ले।

उसे जलाने के बाद नीबू अपने सर से पैर तक साथ बार उतारा करे फिर नीबू को काट कर उसी जली हुई कपूर इलायची में पूरा निचोड़ दें।

और इन सब को ले जाकर किसी चौराहे पर फेंक आये इस प्रयोग को आपको सिर्फ एक ही बार करना है।

4) जिन मां बाप के बच्चों की पढ़ाई में मन न लगते हो एकाग्रता की उनमे बहुत कमी देखने को मिलते हो तो ऐसे में यह प्रयोग आपको करना है।

किसी भी सोमवार को आपको एक नीबू लेना है उस नीबू को काटकर एक कटोरी में निचोड़ लेना है फिर एक छोटा टुकड़ा कपड़े का उस नीबू के रस से भिगो लेना है।

कपड़े भिगो लेने के बाद उसे धूप में सुखा लेना है उसे धूप में सुखा लेने के बाद थोड़ी सी सरसो के तेल में उसे डुबाकर डीप कर लेना है।

और उसे बाती बना लेना बाती बनाकर उस बच्चे के सर पर से पांच बार घड़ी की सुई की उल्टी दिशा घुमाकर फिर उस बाती को घर पर ही किसी कोने में जला दें।

उस बाती के जले हुए राख को रात को किसी चौराहे पर ही जाकर फेक आना फिर देखना इस प्रयोग का कैसा ।।मन जबरदस्त परिणाम आपको दिखने को मिलेगा।।

5) बहुत से लोगों का यह कहना होता है कि किसी ने हमपर कुछ करा रखा है हमपर जरूर किया कराया हुआ है हमपर जादू टोने मैली विद्या का प्रयोग किया गया है।

जिन पर तंत्र मंत्र की बाधा हो किये कराए हो जिन पर अमल काला जादू कर दिया गया हो वे लोग इस उपाय को करें।

किसी भी मंगलवार के दिन ब्रम्हमुहूर्त में एक नीबू ले कर हनुमान जी के मंदिर में जाना है ।
मन्दिर में जाकर उस नीबू से हनुमान जी का सात बार उतारा करना नीबू फेरना है उनका उतारा करना है।

उतारा करते वक्त हनुमान जी से अपनी समस्याएं मन ही मन बोल दे।
फिर आप उस नीबू को ले कर पूरे मन्दिर की पांच परिक्रमा करें ।

फिर मन्दिर के पिछवाड़े खड़े हो अपने पर ऊपर से नीचे सात बार उतारा करें फिर नीबू को काटकर उस पर दो कपूर जला कर सीधे घर आ जाएं।

यह प्रयोग भी एक ही बार करें और आप इसका असर आप प्रत्यक्ष देख पाएंगे।

नीबू के और भी बहुत ज्यादा चमत्कारी प्रयोग हैं हमारे अगली पोस्ट में हम उन प्रयोगों से आपको अवगत कराते जाएंगे अभी के लिए आज बस इतना ही।

।।धन्यवाद।।
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आचार्य मनोज तिवारी 
सहसेपुर खमरिया भदोही
9005618107

शुक्रवार, 19 मार्च 2021

महाकाली साधना

{{{ॐ}}} 

                                                  ।#शाबर_महाकाली_साधना
            
माँ काली साधना कल्पवृक्ष के समान है जेसे कल्पवृक्ष के नीचे खड़े होने मात्र से ही समस्त कल्पना सिद्ध होने लगती हे इसीप्रकार माँ काली की साधना सिर्फ शुरू करने मात्र से ही सभी मनोरथ सिद्ध होने लगते हे
मंत्र सिद्ध है फिर भी मन मे ऐसा कुछ ना आये के मुझे अनुभव कैसे मिलेगा इसलिये किसी भी मंगलवार के दिन शाम को ९:३०से १०:३० के समय मे मंत्र का १०८ बार जाप कर लिजिये और २१ आहुती घी का दे साथ मे एक नींबू मंत्र का जाप करके चाकू से काटे तो बलि विधान भी पूर्ण हो जायेगा,नींबू को हवन कुंड मे डालना ना भूले.

अब जब भी आपको अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु विधान करना हो तब जमीन पर थोडासा कुछ बुंद जल डाले और हाथ से जमीन को पौछ लिजिये.
साफ़ जमीन पर कपूर कि टिकिया रखे और मन ही मन अपनी कामना बोलिये.अब तीन बार "ओम नम: शिवाय" बोलकर कपूर जलाये और माहाकाली मंत्र का जाप करे,यहा पर मंत्र जाप संख्या का गिनती नही करना है और जाप करते समय ध्यान कपूर के ज्योत मे होना चाहिये इसलिये मंत्र भी पहिले ही याद करना जरुरी है.

कम से कम ४-५टिकिया कपूर का इस्तेमाल करे और कपूर इस क्रिया मे बुझना नही चाहिये जब तक आपका जाप पूर्ण ना हो और इतने समय तक जाप करे अन्दाज से के आपका २१ बार मंत्र जाप होना चाहिये.अब आप ही सोचिये आपको रोज कितना कपूर जलाना है.

साधना तब तक करना है जब तक आपका इच्छा पूर्ण ना हो और इच्छा पूर्ण होने
के बाद कुछ गरिब बच्चो मे कुछ मिठाई बाटे क्योकि इच्छा पूर्ण होने के खुशी मे..

मंत्र-

ll ओम नमो आदेश माता-पिता-गुरू को l आदेश कालिका माता को,धरती माता-आकाश पिता को l ज्योत पर ज्योत चढाऊ ज्योत कालिका माता को,मन की इच्छा पुरन कर,सिद्धी कारका l दुहाई माहादेव कि ll

मंत्र सिद्ध है शाबर महाकाली साधना. के करने मात्र से ही आपकी समस्त इच्छाएं पूर्ण होने लगती हे आपकी हर और से उन्नति होकर सभी बाधाएं समाप्त हो जातें हैं।

आचार्य मनोज तिवारी
सहसेपुर खमरिया भदोही
9005618107

विवाह में देरी हो रही हों तो करें यह उपाय

।।ॐ क्रीं कालिकायै नमः।।
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हर हर महादेव शिव शम्भू
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किसी भी अमावश्या के दिन आप एक नारियल लीजिये नारियल आपको पानी वाला लेना है।
अमावश्या की रात काली रात होती है।

शुक्ल पक्ष का अंतिम दिवस हो गया पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष का आख़िरी दिन हो गया अमावश्या ।
तो आपको अमावश्या के दिन एक नारियल पानी वाला लेना है।

उस नारियल में छेद करना है नारियल में छेद करने के बाद आप उसमे पांच प्रकार की छोटी छोटी लकड़ी डाल दें।

जैसे आम की लकड़ी पीपल की लकड़ी बरगद की लकड़ी अमरूद की लकड़ी और बेल या बेर की डाल सकते हैं।
इसी में छोटा सा पत्ता पत्ते का एक टुकड़ा केले के पेड़ का भी डाल दीजिए।

अब आप एक लाल रंग के कागज लीजिये और उस कागज पर पीले रंग के स्याही से यदि यह प्रयोग कोई लड़की कोई स्त्री कर रही है।

तब वह लिखेगी मनवांछित वर देहि में।।
और अगर यह उपाय कोई पुरुष कर रहा तो वह लिखेगा मनवांछित भार्या देहि में।।

अब इस पर्ची को जिसे आप ने अभी लिखा उसे भी मोड़कर फोल्ड कर उसी छेद में जिसपर आपने पांच लकड़ी अभी डाली उसी में इसको भी डाल दीजिए।

अब आप थोड़े से बेसन लीजिये बेसन मतलब चने की आटा थोड़ा सा लेना है।
उसमे पानी डालकर उसे आटे को गूथिये उसी प्रकार जिस प्रकार गेहूं के आटे से रोटी बनाते समय गुथा जाता है।

फिर उसी से आप नारियल के इस छेद को बंद कर दीजिए जिसे आपने किया था।
इसे इस नारियल को अब उसी दिन अमावश्या के ही दिन किसी बहते हुए नदी नहर यानी जंहा पानी बहता रहता हो रुका न हो वही आप इस नारियल को विषर्जित कर दीजिए।
इस प्रयोग को आपको सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे के बीच पूर्ण कर लेना है।

बहुत कोशिशों के बाद लड़की की विवाह न हो रही हो अच्छे रिश्ते न मिल रहे हो मनमुताबिक योग्य रिश्ते न मिल रहे हों।

लड़की के मां बाप अब हार मान कर घर बैठ गए हो निराश व नराज हो चुके हो।
इसी प्रकार लड़के को भी कोई योग्य सुशील मनवांछित वधु भार्या या पत्नी न मिल रही हो।

लड़के का उम्र अब निकलने लगा है माँ बाप रिस्तेदार हताश हो कर बैठ गए हो।

लड़की और लड़के के मां बाप उनके घर वाले अब तो यंहा तक सोच लिए की शायद हमारे बच्चे बच्चियों की जोड़ी उस ईश्वर ने बनाना ही भूल गए हैं।

ऐसे हताश निराश व नाराज लोग इस उपाय को इस प्रयोग को लगातार पांच अमावश्या पूर्ण श्रद्धा विश्वास और संकल्प के साथ पूर्ण करें।

पांच बार प्रयोग पूर्ण भी नही हुआ रहेगा और आप देखेंगे आप को आपके मनवांछित वर या वधु पत्नी पति आप को मिल चुके हैं।

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आचार्य मनोज तिवारी
सहसेपुर खमरिया भदोही
9005618107

शनिवार, 26 दिसंबर 2020

🚩🌺पेड पौधों से बदले अपना भाग्य🌺🚩

इन पौधों की जड़ से बदल जाएगी आपकी किस्मत, जानिए कैसे...


आयुर्वेद के अलावा भारत की स्थानीय संस्कृति में कई चमत्कारिक पौधों के बारे में पढ़ने और सुनने को मिलता है। कहते हैं कि एक ऐसी जड़ी है जिसको खाने से जब तक उसका असर रहता है, तब तक व्यक्ति गायब रहता है। एक ऐसी भी जड़ी-बूटी है जिसका सेवन करने से व्यक्ति को भूत-भविष्‍य का ज्ञान हो जाता है। कुछ ऐसे भी पौधे हैं जिनके बल पर स्वर्ण बनाया जा सकता है। इसी तरह कहा जाता है कि धन देने वाला पौधा जिनके भी पास है, वे धनवान ही नहीं बन सकते बल्कि वे कई तरह की चमत्कारिक सिद्धियां भी प्राप्त कर सकते हैं।

क्या सचमुच होते हैं इस तरह के पौधे व जड़ी-बूटियां जिनको घर या आंगन में लगाने से आपके बुरे दिन समाप्त और अच्छे दिन शुरू हो सकते हैं? कई शास्त्रों में यह पढ़ने को मिलता है कि जड़ी-बूटियों के माध्यम से धन, यश, कीर्ति, सम्मान आदि सभी कुछ पाया जा सकता है। हो सकता है कि आपके आसपास ही हो इसी तरह की जड़ी बूटियां। यदि आप इन्हें घर में ले आएं तो आपको हर तरह की सुख और सुविधाएं प्राप्त हो सकती हैं।

दरअसल, हम आपको बता रहे हैं ऐसे पौधों की जड़ों के बारे में जिनके प्रयोग से आपकी किस्मत बदल सकते हैं। हालांकि यह जड़े किसी जानकार से पूछकर ही घर में लाएं। यहां जो जानकारी दी जा रही है वह भिन्न भिन्न स्रोत से एकत्रित की गई है। हालांकि इसमें कितनी सचाई है यह बताना मुश्किल है। अगले पन्ने पर जानिये इन जड़ों के बारे में...


* बहेड़ा की जड़:- पुष्य नक्षत्र में बहेड़ा वृक्ष की जड़ तथा उसका एक पत्ता लाकर पैसे रखने वाले स्थान पर रख लें। इस प्रयोग से घर में कभी भी दरिद्रता नहीं रहेगी। इसके अलावा पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बेहड़े का पत्ता लाकर घर में रखें, घर पर ऊपरी हवाओं के प्रभाव से मुक्त रहेगा।

*मंगल्य : मंगल्य नामक जड़ी भी तांत्रिक क्रियानाशक होती है। 

 

* धतूरे की जड़:- धतूरे की जड़ के कई तां‍त्रिक प्रयोग किए जाते हैं। इसे अपने घर में स्थापित करके महाकाली का पूजन कर 'क्रीं' बीज का जाप किया जाए तो धन सबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।  

* धतूरे की जड़ : अश्लेषा नक्षत्र में धतूरे की जड़ लाकर घर में रखें, घर में सर्प नहीं आएगा और आएगा भी तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

* काले धतूरे की जड़:- इसका पौधा सामान्य धतूरे जैसा ही होता है, हां इसके फूल अवश्य सफेद की जगह गहरे बैंगनी रंग के होते हैं तथा पत्तियों में भी कालापन होता है। इसकी जड़ को रविवार, मंगलवार या किसी भी शुभ नक्षत्र में घर में लाकर रखने से घर में ऊपरी हवा का असर नहीं होता, सुख -चैन बना रहता है तथा धन की वृद्धि होती है।


* मदार की जड़:- रविपुष्प नक्षत्र में लाई गई मदार की जड़ को दाहिने हाथ में धारण करने से आर्थिक समृधि में वृद्धि होती हैं।

* मदार की जड़:- रविपुष्प में उसकी मदार की जड़ को बंध्या स्त्री भी कमर में बंधे तो संतान होगी।

* मदार की जड़:- कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय हेतु आर्द्रा नक्षत्र में आक की जड़ लाकर तावीज की तरह गले में बांधें।

* हत्था जोड़ी:- हत्था जोड़ी का मुकदमा, शत्रु संघर्ष, दरिद्रता आदि के निवारण में इसका प्रयोग किया जाता है। तांत्रिक विधि में इसके वशीकरण के उपयोग किए जाते हैं। सिद्ध करने के बाद इसे लाल रंग के कपड़े में बांधकर घर में किसी सुरक्षित स्थान में अथवा तिजोरी में रख दिया जाता है। इससे आय में वृद्घि होती है और सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है।

 

* बेला की जड़:-विवाह की समस्या दूर करने के लिए बेला के फूलों का प्रयोग किया जाता है। इसकी एक और जाति है जिसको मोगरा या मोतिया कहते हैं। बेला के फूल सफेद रंग के होते हैं। मोतिया के फूल मोती के समान गोल होते हैं। महिला को गुरु की जड़ और पुरुष को शुक्र की जड़ अपने पास रखनी चाहिए।

 

* चमेली की जड़:- अनुराधा नक्षत्र में चमेली की जड़ गले में बांधें, शत्रु भी मित्र हो जाएंगे। विष्णुकांता का पौधा भी शत्रुनाशक होता है।

* चंपा की जड़:- हस्त नक्षत्र में चंपा की जड़ लाकर बच्चे के गले में बांधें। इस उपाय से बच्चे की प्रेत बाधा तथा नजर दोष से रक्षा होगी।

* शंखपुष्पी की जड़:- शंखपुष्पी की जड़ रवि-पुष्य नक्षत्र में लाकर इसे चांदी की डिब्बी में रख कर घर की तिरोरी में रख लें। यह धन और समृद्धि दायक है।

* तुलसी की जड़:- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में तुलसी की जड़ लाकर मस्तिष्क पर धारण करें। इससे अग्निभय से मुक्ति मिलेगी।

* दूधी की जड़:- सुख की प्राप्ति के लिए पुनर्वसु नक्षत्र में दूधी की जड़ लाकर शरीर में लगाएं।

* नीबू की जड़:- उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में नीबू की जड़ लाकर उसे गाय के दूध में मिलाकर निःसंतान स्त्री को पिलाएं। इस प्रयोग से उसे पुत्र की प्राप्ति होगी।

* काले एरंड की जड़:- श्रवण नक्षत्र में एरंड की जड़ लाकर निःसंतान स्त्री के गले में बांधें। इस प्रयोग से उसे संतान की प्राप्ति होगी।

* लटजीरा:- लटजीरा की जड़ को जलाकर भस्म बना लें। उसे दूध  के साथ पीने से संतानोत्पति की क्षमता आ जाती हैं। 


* अपामार्ग के प्रयोग : अपामार्ग बाजीकरण के काम में आती है। इसके भी कई प्रयोग हैं। एक प्रयोग यह है कि अश्विनी नक्षत्र में अपामार्ग की जड़ लाकर इसे तावीज में रखकर किसी सभा में जाएं, सभा के लोग वशीभूत होंगे।

* संखाहुली की जड़ : भरणी नक्षत्र में संखाहुली की जड़ लाकर ताबीज में जड़ दे और इसे गले में पहनें तो विपरीत लिंग वाले प्राणी आ

पसे आकर्षित होने लगेंगे।

 

*उटकटारी:- यदि आप राजनीति के क्षेत्र में तरक्की करना चाहते हैं तो यह जड़ी राजयोग दाता है। इस पौधे को बहुत से लोगों ने देखा होगा। इसके प्रभाव से व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है। लेकिन इस पौधे को विधिपूर्वक लाकर पूजा करना होती है।

 

*रक्तगुंजा की जड़:- रक्तगुंजा को लगभग सभी लोग जानते होंगे। इसे रत्ती भी कहते हैं क्योंकि इसका वजन एक रत्ती के बराबर होता है और किसी समय इससे सोने की तौल की जाती थी। इस पौधे की जड़ रवि पुष्य के दिन, किसी भी शुक्रवार को अथवा पूर्णिमा के दिन निर्मल भाव से धूप-दीप से पूजन कर उखाड़ें और घर में लाकर गाय के दूध से धो कर रख दें। इस जड़ का एक भाग अपने पास रखने से सारे कार्य सिद्ध होते हैं। मान-सम्मान में वृद्धि होती है।

 

सुदर्शन की जड़:-

करे सौदर्शनं बध्वा राजप्रियो भवेत्।

सिंही मूले हरेत्पुष्ये कटि बध्वा नृपप्रिय:।

हाथ में सुदर्शन की जड़ बांधें। तो राजा प्रिय होता है अथवा कांकरासिंही की जड़ पुष्य नक्षत्र में लाकर कमर में बाँधें तो राजा (मंत्री, अधिकारी) वश में होता है अथवा राजा का प्रिय हो जाता है।


सिद्धि देने वाली जड़ी-बूटी : गुलतुरा (दिव्यता के लिए), तापसद्रुम (भूतादि ग्रह निवारक), शल (दरिद्रता नाशक), भोजपत्र (ग्रह बाधाएं निवारक), विष्णुकांता (शस्त्रु नाशक), मंगल्य (तांत्रिक क्रिया नाशक), गुल्बास (दिव्यता प्रदानकर्ता), जिवक (ऐश्वर्यदायिनी), गोरोचन (वशीकरण), गुग्गल (चामंडु सिद्धि), अगस्त (पितृदोष नाशक), अपमार्ग (बाजीकरण)।

बांदा (चुम्बकीय शक्ति प्रदाता), श्‍वेत और काली गुंजा (भूत पिशाच नाशक), उटकटारी (राजयोग दाता), मयूर शिका (दुष्टात्मा नाशक) और काली हल्दी (तांत्रिक प्रयोग हेतु) आदि ऐसी अनेक जड़ी-बूटियां हैं, जो व्यक्ति के सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन को साधने में महत्वपूर्ण मानी गई हैं।


आचार्य मनोज तिवारी
सहसेपुर खमरिया भदोही
9005618107